जब मैं किसे की बारात से लोटकर आऊँ सूं तो , मेरी माँ नू ज़रूर पूछेगी की , दुल्हन सुथरी थी या भुंडी थी |
आजकाल की छोरिया भी छोरेया से घाट कोणया जब तलक इक रहपटो ना खाये से घर के किसी काम ते हाथ ना लाये से |
पत्नी के गाल पर गुलाब का फूल मारने पर शहरी वाइफ़ - यू आर सो नोटी | पंजाबी वाइफ़ - तुस्सी बड़े मज़ाकिया हो जी | हरयानवी वाइफ़ - आँख फूट जागी के मारण लाग रा |